नई दिल्ली, देश में बिजली की संभावित संकट के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कोयला और बिजली मंत्रालयों के प्रभारी अपने कैबिनेट सहयोगियों से मुलाकात की। कोयले की अपर्याप्त सप्लाई के कारण देश के कई हिस्सों में बिजली की कमी की चिंताओं के बीच शाह की यह मुलाकात हुई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी, बिजली और कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ शाह से मिलने गृह मंत्रालय पहुंचे। कई राज्यों ने ब्लैकआउट की चेतावनी दी है। हालांकि केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि भारत के पास अपने बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला भंडार है।
बता दें कि तमाम तरह की अटकलों के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ शब्दों में कहा कि देश में ना बिजली की कमी थी, न है और न होगी। हालांकि, उन्होंने भी यह स्वीकार किया कि पहले बिजली उत्पादन कंपनियों के पास 17 दिनों का कोयला भंडार हुआ करता था जो घटकर 4 दिनों का रह गया।
जानें- संकट टालने के लिए क्या हो रहा है उपाय
बता दें कि कोयल इंडिया लिमिटेड इस महीने की शुरुआत में हर दिन 14 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर रही थी जो 7 अक्टूबर से हर दिन 15 लाख टन की आपूर्ति का लक्ष्य पूरा करने में जुटी है। कोल इंडिया लिमिटेड और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड कोयला उत्पादन बढ़ाने में जुटी हैं। इसके अलावा, सरकार कुछ और कोयला खादानों में उत्पादन बहाल करना चाह रही है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय कीमत में रिकॉर्ड इजाफे के बावजूद विदेशों से कोयला आयात करने का निर्णय किया गया है।
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