देहरादून : उत्तराखंड में शुक्रवार रात से हुई भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है। यहां तीन जिलों में बादल फटने की घटना से हाहाकार मच गया है। प्रभावित क्षेत्र में राशन, बर्तन, दूध, पलंग, बिस्तर, कपड़े, स्ट्रेचर आदि सामग्री रवाना कर दी गई है।
हेलीकाप्टर से गंभीर घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। राहत बचाव कार्यों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ पुलिस, जिला प्रशासन की टीम मौजूद है, सेना भी राहत बचाव हेतु रवाना हो गई है।
अभी तक चार की मौत, कई लोग लापता
इस घटनाओं में अभी तक चार की मौत हुई है और कई लोग लापता हैं। वहीं चार धाम यात्रा राजमार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध है। जगह-जगह यात्री फंसे हुए हैं।
देहरादून के माल देवता क्षेत्र में छमरूली टापूसेरा में बादल फटने की घटना में एक महिला और कई मवेशी बह गए हैं। यहां सात मकान ध्वस्त हो गए हैं और दो पुल टूट गए हैं।
वहीं एक मकान में कई लोगों के दबे होने की आशंका भी जताई जा रही है। सड़क पूरी तरह ध्वस्त होने से यहां राहत बचाव सामग्री पहुंचाने परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
टिहरी और यमकेश्वर में चार की मौत
यमकेश्वर में बादल फटने के बाद मकान के मलबे में दबकर एक की महिला की मौत हो गई है।
टिहरी के कीर्तिनगर में बादल फटने के बाद मकान के मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई है।
टिहरी जौनपुर ब्लाक के ग्वाड़ गांव में मलबे में दबे दो शव बरामद किए गए हैं। टिहरी में ही मकान के मलबे में सात लोग दब गए है। मलबे दबे पति पत्नी के शव बरामद कर लिए गए हैं। बाकि अन्य पांच की तलाश जारी है।
मृतक:
1- राजेन्द्र सिंह उम्र 35 वर्ष, पुत्र स्व गुलाब सिंह।
2- सुनीता देवी पत्नी राजेन्द्र सिंह।
लापता:
1-कमान सिंह उम्र 40 वर्ष पुत्र स्व प्रेम सिंह।
2-मगन देवी उम्र 60 वर्ष पत्नी स्व प्रेम सिंह।
3-रुकमणी देवी उम्र 35 वर्ष पत्नी कमान सिंह।
4-सचिन उम्र 15 वर्ष पुत्र कमान सिंह।
5-बीना उम्र 17 वर्ष पुत्री कमान सिंह।
गंगा खतरे के निशान के करीब
ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के करीब बह रही है। ग्लोगी में भूस्खलन से देहरादून-मसूरी मार्ग अवरुद्ध हो गया है। भारी वर्षा को देखते हुए सुबह देहरादून और पौड़ी जिले के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया। ऋषिकेश एम्स की इमरजेंसी कक्ष में बारिश का पानी घुस गया है। परिसर में जलभराव से मरीज व तीमारदार परेशान हैं।
बागेश्वर में कपकोट मार्ग मलबा आने से बंद
वहीं कुमाऊं के बागेश्वर में कपकोट मार्ग मलबा आने से बंद हो गया। सरयू व गोतमी नदी का जल स्तर बढ़ा हुअ है। यहां 19 घंटे बाद चम्पावत-टनकपुर हाइवे खुल गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्षा को देखते हुए जनता से अनावश्यक यात्रा न करने का अनुरोध किया है।
भारी बरसात से नदियों में ऊफान वन्यजीवों पर आया संकट
शुक्रवार देर शाम से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली बरसाती नदियां ऊफान पर आ गई हैं। शुक्रवार रात से हो रही बारिश से चीला-ऋषिकेश राजमार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
चीला में जंहा घासीराम नदी उफान पर है तो वहीं मुंढाल नदी पर बना पुल बहते बहते बचा। रात को पुल के नीचे पेड़ फस जाने से मुंढाल का पानी पुल के ऊपर से बहता रहा। यही हाल बीन नदी का भी है। रात से ही आईडीपील बैराज से वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है।
ऊफनती नदी में बह रहे हिरण को किया रेस्क्यू, हुई मौत
लैंसडौन वन प्रभाग की सीमा से गुजर रही रवासन नदी कल देर रात से ही उफना रही है। नदी में आज तड़के एक हिरण बह गया, जिसके बाद लैंसडौन वन प्रभाग की लाल ढंग रेंज के वन कर्मियों ने हिरण को रेस्क्यू तो कर लिया मगर उसकी जान नहीं बचा पाई।
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